Hindi Essay on Time, Importance of Time and its Utility
Samay Ka Sadupyog समय का सदुपयोग | Samay Ka Mahatva समय का महत्व
मानव-जीवन छोटा है परंतु कार्य असीमित है। नष्ट हुई सम्पत्ति, खोए हुए वैभव, खोए हुए स्वास्थ, यह सभी श्रम से पुनः प्राप्त किया जा सकता है। परंतु जीवन के जो क्षण एक बार चले गए वे फिर इस जीवन में कभी नहीं मिलते। कितनी अमूल्यता है इन क्षणों की, कितनी तीव्रता है इनकी गति में, जो न आते मालूम पड़ते हैं और न जाते, परंतु चले जाते हैं।
हमारे जीवन में विरल अवसरों को प्रस्तुत करने वाला समय है। समय की अमूल्यता कबीर की इन पंक्तियों से पता चलता है -
"कल करे सो आज कर,
आज करे सो अब।
पल में परलै होयगी,
बहुरि करैगो कब।"
समय का महत्व प्रत्येक उम्र तथा वर्ग के लोगों के लिए समान है। समय का सही उपयोग करना एक छोटा बच्चा के लिए जितना आवश्यक है उतना ही एक बुज़ुर्ग के लिए भी। जीवन की सफलता का रहस्य समय के सदुपयोग में ही निहित है। चाहे वह निर्धन हो या धनवान, किसान हो या मजदुर, राजा हो या प्रजा, विद्वान हो या मूर्ख, समय पर सभी का समान अधिकार है। यदि हमें जीवन में सफलता चाहिए तो हमें सदा निश्चित समय पर निश्चित कार्य करना होगा। बुद्धिमान व्यक्ति अपने अवकाश के क्षणों को भी व्यर्थ नहीं जाने देता।
"काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा।।"
हमारा जीवन काल ईश्वर का दान है, पर इसे किस प्रकार व्यतीत करना है यह काफी हद तक हमारे अपने ऊपर निर्भर करता है। बुद्धिमान व्यक्ति अपने विश्राम के समय को भी व्यर्थ नहीं जाने देता, सद-ग्रंथों के अवलोकन में ही उनका समय व्यतीत होता है। परन्तु मूर्ख व्यक्ति अपना समय बुरी आदतों में, आलस्य में या लड़ाई झगड़ों में खो देते हैं। बुद्धिमान व्यक्ति समय के सदुपयोग में आत्मिक आनन्द और शारीरिक सुख का अनुभव करता है।
समय के सदुपयोग के लिए मनुष्य को अपने प्रतिदिन के कार्य का समय के हिसाब से विभाजन कर लेना चाहिए। जिसका भी कार्यक्रम सुनिश्चित नहीं होता उसका अधिकांश समय व्यर्थ में ही इधर-उधर बीत जाता है। विद्यार्थियों को अपना समय का सदुपयोग करने के लिए टाईमटेबल बना लेना चाहिए। साथ में यह भी ध्यान रखना होगा कि निश्चित कार्य सही समय में पूर्ण हुआ या नहीं।
तुलसीदास जी ने कहा है, "समय जात नहीं लागहिं बारा।" समय की गति तीव्र है। इसलिए समय का उचित मूल्यांकन करते हुए उसका उपयोग करना चाहिए। समय की गति रोकी नहीं जा सकती। अतः यदि हम अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मक उन्नति चाहते हैं, अपने देश और अपनी जाति का उत्थान चाहते हैं तो हमे अपने समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए तभी हमारी उन्नति सम्भव है। विद्यार्थियों को तो विशेष रूप से समय का महत्व समझना चाहिए क्योंकि -
"गया वक्त फिर हाथ आता नहीं है।"
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Thanx.
ReplyDeleteAp mujhe swacha varat abhiyan par lekh vejie please
Were Educatice
ReplyDeletebahut acha
ReplyDeleteGive me essay on student
DeleteGive me essay on student
ReplyDeleteGood essay on samay ka sadupyog
ReplyDeletePlease send an essay on discipline
ReplyDeleteGood . But add some more line ..
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