Class 9 Solutions of NCERT (CBSE) Hindi Text Book
Chapter 2, Kshitij Bhag 1 ल्हासा की ओर
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न १: थोंगला के पहले के आख़िरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के वावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?
उत्तर: इसका मुख्य कारण था - संबंधों का महत्व। तिब्बत में इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक-जैसी व्यवस्थाएँ नहीं थीं। इसलिए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उचित स्थान मिल जाता था। बिना जान-पहचान के यात्रियों को भटकना पड़ता था। तथा तिब्बत के लोग शाम छः बजे के बाद छंग पीकर मस्त हो जाते थे। तब वे यात्रियों की सुबिधा का ध्यान नहीं रखते थे।
पहली यात्रा में लेखक सुमति के साथ थे जिनका वहाँ अच्छे जान-पहचान के आदमी थे। इसीलिए पहली यात्रा के समय भिखमंगे के वेश में होने के वावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका।
प्रश्न २: उस समय के तिब्बत में हथियार का क़ानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
उत्तर: सन् १९२९ - ३० के तिब्बत में हथियार रखने से सम्बंधित कोई क़ानून नहीं था। इस कारण लोग खुलेआम पिस्तौल बन्दूक आदि रखते थे। साथ ही, वहाँ अनेक निर्जन स्थान भी थे, जहाँ न पुलिस का प्रबंध था, न खुफिया बिभाग का। वहाँ डाकू किसी को भी आसानी से मार सकते थे। इसीलिए यात्रियों को ह्त्या और लूटमार का भय बना रहता था।
प्रश्न ३: लेखक लंग्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गए थे?
उत्तर: लेखक लंग्कोर के मार्ग में अपने साथियों से दो कारणों से पिछड़ गए थे -
१) उनका घोड़ा बहुत सुस्त था।
२) वे रास्ता भटककर एक-डेढ़ मील ग़लत रास्ते पर चले गए थे। उन्हें वहाँ से वापस आना पड़ा।
प्रश्न ४: लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
उत्तर: लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से इसलिए रोका ताकि वह वहाँ जाकर अधिक समय न लगाए। इससे लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती। परन्तु दूसरी बार, लेखक को वहाँ के मंदिर में रखी अनेक मूल्यवान हस्तलिखित पुस्तकें मिल गयी थीं। वह एकांत में उनका अध्ययन करना चाहता थे। इसलिए उन्होंने सुमति को जजमानों के पास जाने की अनुमति नहीं दी।
प्रश्न ५: अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाईयों का सामना करा पड़ा?
उत्तर: अपनी तिब्बत यात्रा के दौरान लेखक को विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। जगह-जगह रास्ता कठिन तो था ही साथ में परिवेश भी बिल्कुल नया था। एक बार तो भूलवश रास्ता भटक गया। दूसरी बार, उन्हें बहुत तेज़ धुप के कारण परेशान होना पड़ा।
प्रश्न ६: प्रस्तुत यात्रा-वृत्तान्त के आधार पर बताइए की उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
उत्तर: तिब्बत का तिंग्री प्रदेश विभिन्न जागीरों में विभक्त है। अधिकतर जागीरें विभिन्न मठों के अधीन हैं। जागीरों के मालिक खेती का प्रबंध स्वयं करवाते हैं। खेती करने के लिए उन्हें बेगार मजदूर मिल जाते हैं। सारे प्रबंध की देखभाल कोई भिक्षु करता है। वह भिक्षु जागीर के लोगों में राजा के समान सम्मान पाता है। तिब्बत के समाज में छुआछूत, जाती-पाँति आदि कुप्रथाएँ नहीं हैं। कोई अपरिचित व्यक्ति भी किसी के घर में अन्दर तक जा सकता है। वह अपनी झोली में से चाय की पत्ती देकर घर की महिलाओं से चाय बनवा सकता है। सास-बहू-कोई भी इसका बुरा नहीं मानती। हाँ, बहुत निम्न श्रेणी के भिखमंगों को घरों में नहीं घुसने दिया जाता।
उत्तर: इसका मुख्य कारण था - संबंधों का महत्व। तिब्बत में इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक-जैसी व्यवस्थाएँ नहीं थीं। इसलिए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उचित स्थान मिल जाता था। बिना जान-पहचान के यात्रियों को भटकना पड़ता था। तथा तिब्बत के लोग शाम छः बजे के बाद छंग पीकर मस्त हो जाते थे। तब वे यात्रियों की सुबिधा का ध्यान नहीं रखते थे।
पहली यात्रा में लेखक सुमति के साथ थे जिनका वहाँ अच्छे जान-पहचान के आदमी थे। इसीलिए पहली यात्रा के समय भिखमंगे के वेश में होने के वावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका।
प्रश्न २: उस समय के तिब्बत में हथियार का क़ानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
उत्तर: सन् १९२९ - ३० के तिब्बत में हथियार रखने से सम्बंधित कोई क़ानून नहीं था। इस कारण लोग खुलेआम पिस्तौल बन्दूक आदि रखते थे। साथ ही, वहाँ अनेक निर्जन स्थान भी थे, जहाँ न पुलिस का प्रबंध था, न खुफिया बिभाग का। वहाँ डाकू किसी को भी आसानी से मार सकते थे। इसीलिए यात्रियों को ह्त्या और लूटमार का भय बना रहता था।
प्रश्न ३: लेखक लंग्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गए थे?
उत्तर: लेखक लंग्कोर के मार्ग में अपने साथियों से दो कारणों से पिछड़ गए थे -
१) उनका घोड़ा बहुत सुस्त था।
२) वे रास्ता भटककर एक-डेढ़ मील ग़लत रास्ते पर चले गए थे। उन्हें वहाँ से वापस आना पड़ा।
प्रश्न ४: लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
उत्तर: लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से इसलिए रोका ताकि वह वहाँ जाकर अधिक समय न लगाए। इससे लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती। परन्तु दूसरी बार, लेखक को वहाँ के मंदिर में रखी अनेक मूल्यवान हस्तलिखित पुस्तकें मिल गयी थीं। वह एकांत में उनका अध्ययन करना चाहता थे। इसलिए उन्होंने सुमति को जजमानों के पास जाने की अनुमति नहीं दी।
प्रश्न ५: अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाईयों का सामना करा पड़ा?
उत्तर: अपनी तिब्बत यात्रा के दौरान लेखक को विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। जगह-जगह रास्ता कठिन तो था ही साथ में परिवेश भी बिल्कुल नया था। एक बार तो भूलवश रास्ता भटक गया। दूसरी बार, उन्हें बहुत तेज़ धुप के कारण परेशान होना पड़ा।
प्रश्न ६: प्रस्तुत यात्रा-वृत्तान्त के आधार पर बताइए की उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
उत्तर: तिब्बत का तिंग्री प्रदेश विभिन्न जागीरों में विभक्त है। अधिकतर जागीरें विभिन्न मठों के अधीन हैं। जागीरों के मालिक खेती का प्रबंध स्वयं करवाते हैं। खेती करने के लिए उन्हें बेगार मजदूर मिल जाते हैं। सारे प्रबंध की देखभाल कोई भिक्षु करता है। वह भिक्षु जागीर के लोगों में राजा के समान सम्मान पाता है। तिब्बत के समाज में छुआछूत, जाती-पाँति आदि कुप्रथाएँ नहीं हैं। कोई अपरिचित व्यक्ति भी किसी के घर में अन्दर तक जा सकता है। वह अपनी झोली में से चाय की पत्ती देकर घर की महिलाओं से चाय बनवा सकता है। सास-बहू-कोई भी इसका बुरा नहीं मानती। हाँ, बहुत निम्न श्रेणी के भिखमंगों को घरों में नहीं घुसने दिया जाता।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न ८: सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?उत्तर: सुमति के परिचय और सम्मान का दायरा बहुत बड़ा है। तिब्बत के तिंग्री प्रदेश में लगभग हर गाँव में उसके परिचित हैं। वह उनके यहाँ धर्मगुरु के रूप में सम्मानित होता है। लोग उसे आदरपूर्वक घर में स्थान देते हैं। वह सबको बोध गया का गंडा प्रदान करता है। लोग गंडे को पाकर धन्य अनुभव करते हैं।
सुमति स्वभाव से सरल, मिलनसार, स्नेही और मृदु रहा होगा। तभी लोग उसे उचित आदर देते होंगे।
Kshitij Bhag 1, Class 9 NCERT Hindi | Chapter-2 ल्ह्यासा की ओर | Solutions of NCERT Hindi Extra Important Questions
this site helps a lot!!!!!!!!!!!!!!!
ReplyDeletelike this site thankszzzzzzzzzzzzzz
ReplyDeletethanks..........for this...
ReplyDeletei liked this site!it is a very useful site for us!!!!!!!!!!
ReplyDeletekya hai yr........koi ans hi nhi hai
ReplyDeleteek do hi hain iss chaptr k
wow its amaging
ReplyDeleteawesome
ReplyDeletekya bat hai yarrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrr
ReplyDeletedanger
ReplyDeletethis site is awesome
other are some
awessome site and very helpful
ReplyDeleteeverything is incomplete
ReplyDeletewow sooooooooooooooooooooo helpful
ReplyDeletenot so good and helpful:(
ReplyDeletereally very very helpful site loved this site n very easy wordings :)
ReplyDeleteRachana or abivyakti me incomplete answers hai but awesome site
ReplyDelete