Class VII NCERT (CBSE) Hindi Text Book Exercise Solutions
Class 7 Hindi Vasant (Basant) Bhag 2
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कहानी सेप्रश्न १: मिठाईवाला अलग-अलग चीज़ें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर: मिठाईवाले के बच्चों की असमय मृत्यु हो गई थी। वह अपने बच्चों की झलक इन गली के बच्चों में देखता था। जब बच्चे अपनी मधुर आवाज़ में उससे अलग-अलग चीज़ें मांगते तो ऐसा लगता जैसे वह अपने बच्चों की फरमाइशें पूरी कर रहा हो। वह कई महीनों बाद आता था क्योंकि उसे पैसों का कोई लालच नहीं था। वह तो केवल अपने मन को संतुष्ट करने के लिए बच्चों की मनपसंद चीज़ें बेचा करता था। दूसरे बच्चों में अपने बच्चों की झलक पाकर संतोष, धैर्य तथा सुख का अनुभव करता था।
प्रश्न २: मिथईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी खीचें चले आते थे?
उत्तर: मिठाईवाले का मधुर आवाज़ में गा-गाकर अपनी चीज़ों की विशेषताएँ बताना, बच्चों की मन-पसंद चीज़ें लाना, कम दामों में बेचना, बच्चों से अपनत्व दर्शाना आदि ऐसी विशेषताएँ थीं कि बच्चें तो बच्चें बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे।
प्रश्न ४: खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर: खिलौनेवाले की मधुर आवाज़ सुनकर बच्चे चंचल हो उठते। उसके स्नेहपूर्ण कंठ से फूटती हूई आवाज़ सुनकर निकट के मकानों में हल-चल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए स्त्रियाँ भी चिकों को उठाकर छज्जों पर से नीचे झाँकने लगतीं। गलियों तथा उनके भीतर स्थित छोटे-छोटे उद्धानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का समूह उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला अपनी खिलौनों की पेटी वहीं खोल देता।
प्रश्न ५: रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो गया?
उत्तर: रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण हो आया क्योंकि वह आवाज़ जानी-पहचानी थी। खिलौनेवाला भी इसी प्रकार मधुर कंठ से गाकर खिलौने बेचा करता था। मुरलीवाला भी ठीक वैसे ही मधुर आवाज़ में गा-गाकर मुरलियाँ बेच रहा था।
प्रश्न ६: किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर: दादी माँ की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। उसने इन व्यावसायों को अपनाने का कारण यह बताया कि बच्चों प्रसन्न देखकर मेरा ह्रदय प्रसन्न हो जाता है। इससे मुझे संतोष, धैर्य व असीम सुख की प्राप्ति होती है। इन बच्चों में मुझे अपने बच्चों की ही झलक नज़र आती है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हीं बच्चों के रूप में उन्हों ने जन्म लिया होगा।
प्रश्न ७: "अब इस बार ये पैसे न लूंगा" - कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर: दादी और रोहिणी से बातें करते हुए मिठाईवाला भावुक हो उठा उसने उन्हें बताया कि कैसे उसका घर-परिवार था, बाल-बच्चें व सुंदर पत्नी थी, वह स्वयं भी प्रतिष्ठित व्यक्ति था लेकिन अब कुछ नहीं रहा। इसलिए उन बच्चों की खोंज में निकलता हूँ और इन्हीं बच्चों में मुझे उनकी झलक नज़र आती है तो संतुष्ट हो जाता हूँ। उसी समय चुन्नू-मुन्नू रोहिणी के बच्चे आकर मिठाई मांगने लगते हैं। वह दोनों को मिठाई से भरी एक-एक पुड़िया देता है। रोहिणी पैसे देने आती है तो उसका यह कहना कि "अब इस बार यह पैसे न लूंगा" इस बात को दर्शाता है कि उसका मन भर आया और वे बच्चे उसे अपने बच्चे ही लगे।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न (additional CBSE Sample Questions Answers)
प्रश्न १: मिठाईवाला अपने जीवन की कथा किसे और क्यों सूना रहा था?
उत्तर: मिठाईवाला अपने जीवन की कथा रोहिणी व दादी को सूना रहा था, क्योंकि रोहिणी के मन में सदा यह जानने की इच्छा थी की किस कारण मिठाईवाला बच्चों को लागत से भी कम कीमत पर अपनी वस्तुएँ बेचता है।
प्रश्न २: 'प्राण निकाले नहीं निकले' इस कथन के द्वारा मिठाईवाला क्या कहना चाहता है?
उत्तर: 'प्राण निकाले नहीं निकले' कथन के द्वारा वह कहना चाहता है कि उसके बच्चों की असमय मृत्यु से उसके जीने का कोई उद्देश्य नहीं रहा लेकिन उसे मृत्यु न आई। वह जीवित रहकर भी मृत की भाँती जीवन बिताने को मजबूर है।
प्रश्न ३: मिठाईवाले को गली के बच्चों पर ममता क्यों थी?
उत्तर: मिठाईवाले को अपने मृत बच्चों की झलक इन बच्चों में देखने को मिलती थी। जब बच्चें अपनी मधुर आवाज़ में उससे चीज़ें मांगते तो उसे ऐसा लगता मानो वह अपने ही बच्चों को मन-पसंद वस्तुएँ दे रहा है। इसलिए वह बच्चों की पसंद की नई-नई चीज़ें लाता था।
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उत्तर: मिठाईवाला अपने जीवन की कथा रोहिणी व दादी को सूना रहा था, क्योंकि रोहिणी के मन में सदा यह जानने की इच्छा थी की किस कारण मिठाईवाला बच्चों को लागत से भी कम कीमत पर अपनी वस्तुएँ बेचता है।
प्रश्न २: 'प्राण निकाले नहीं निकले' इस कथन के द्वारा मिठाईवाला क्या कहना चाहता है?
उत्तर: 'प्राण निकाले नहीं निकले' कथन के द्वारा वह कहना चाहता है कि उसके बच्चों की असमय मृत्यु से उसके जीने का कोई उद्देश्य नहीं रहा लेकिन उसे मृत्यु न आई। वह जीवित रहकर भी मृत की भाँती जीवन बिताने को मजबूर है।
प्रश्न ३: मिठाईवाले को गली के बच्चों पर ममता क्यों थी?
उत्तर: मिठाईवाले को अपने मृत बच्चों की झलक इन बच्चों में देखने को मिलती थी। जब बच्चें अपनी मधुर आवाज़ में उससे चीज़ें मांगते तो उसे ऐसा लगता मानो वह अपने ही बच्चों को मन-पसंद वस्तुएँ दे रहा है। इसलिए वह बच्चों की पसंद की नई-नई चीज़ें लाता था।
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nice..but should not be written in the pure form of hindi but normal language we use .. it is 2 difficult to memorize these words
ReplyDeleteThat will be surely easy to memorize but since it is looked as pure literature here colloquial words would not fetch you good marks!!
ReplyDeleteThanks for writing.
thanks a lot........!!! this really helped me so much.
ReplyDeletePlease also write chapter summaries in easier hindi so that children can understand the full chapter, Thanks
ReplyDeletehelps if homework is not done
ReplyDeleteThanks a lot
ReplyDeleteReally worthy answers
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