CBSE (NCERT)Class 9 Hindi
रसखान (Kshitij Bhag-1)
Sample Model Hot Questions
प्रश्न १: रसखान का संक्षिप्त जीवन चरीत लिखिए।Sample Model Hot Questions
उत्तर: हिन्दी साहित्य के कृष्णभक्त कवि रसखान का पूरा नाम सैयद इब्राहिम बताया जाता है। उनका जन्म सन् १५४८ के आसपास राजवंश से सम्बंधित एक संपन्न पठान परिवार में दिल्ली में हुआ। मूलतः मुसलमान होते हुए भी ये जीवन भर कृष्ण की भक्ति में डूबे रहे। इनकी भगवद्शक्ति को देखकर गोस्वामी विट्ठलनाथजी ने इन्हें अपना शिष्य बना लिया। बचपन से ही उनका स्वभाव बड़ा प्रेमी था। बाद में यही प्रेमी स्वभाव ईश्वरीय प्रेम में बदल गया। कहते हैं कि उन्हें श्रीनाथ के मन्दिर में कृष्ण के साक्षात दर्शन हुए। तभी से वे ब्रजभूमि में रहने लगे और फ़िर आजीवन वहीं रहे। सन् १६२८ के लगभग उनकी मृत्यु हुई।
प्रश्न २: रसखान की भाषा शैली कैसी है?
उत्तर: रसखान अपनी भाषा की मार्मिकता, शब्द-चयन तथा व्यंजक शैली के लिए प्रसिद्द हैं। उनकी कृतियों में ब्रजभाषा का अत्यंत सरस और मनोरम प्रयोग मिलता है। उनकी भाषा में कहीं आडंबर नहीं, कहीं अलंकारों की अधिकता नहीं। उनके शब्दों में झरने-सा मधुर प्रवाह है। दोहा, कवित्त और सवैया - तीनों छंदों पर उनका पूरा अधिकार है। सवैये के प्रयोग में तो उन्होंने रस ही घोल दिया है। निश्चय ही रसखान रस की खान हैं।
प्रश्न ३: "मानुष हौं तो . . . . . . . . . कूल कदम्ब की डारन॥"
(क) कवि तथा कविता का नाम लिखिए।
(ख) इसका आशय स्पष्ट कीजिये।
(ग) रसखान अगले जन्म में कहाँ निवास करना चाहते हैं और क्यों?
(घ) रसखान मनुष्य के रूप में अगले जन्म में क्या बनना चाहते हैं और क्यों?
(गं) भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
(क) कवि - सैयद इब्राहिम 'रसखान'। कविता - सवैये।
(ख) रसखान ब्रजभूमि के प्रति अनुराग प्रकट करते हुए कहते हैं - यदि मैं अगले जन्म में मनुष्य बनूँ तो गोकुल गाँव के ग्वालों के बीच में रहूँ। यदि मैं पशु ही बन जाऊं तो चाहता हूँ कि गाय बनकर रोज़ नन्द की गायों के बीच ब्रजभूमि पर विचरण करुँ। यदि मैं पत्थर बनूँ तो उसी गोवर्धन पर्वत का अंग बनूँ जिसे इंद्र के कोप से बचने के लिए कृष्ण ने छत्र के रूप में अपनी अँगुली पर धारण किया था। यदि मैं पक्षी बनूँ तो यमुना के तट पर कदम्ब की डालों के बीच अपना बसेरा बनाऊँ। इसप्रकार मैं ब्रजभूमि से नाता बनाए रखना चाता हूँ।
(ग) रसखान अगले जन्म में ब्रजभूमि में निवास करना चाहते हैं। उन्हें भगवान कृष्ण से तथा उनकी लीलाभूमि से गहरा प्रेम है। इसलिए वे वहीं निवास करना चाहते हैं।
(घ) रसखान अगले जन्म में ग्वाला बनना चाहते हैं तथा कृष्ण के बाल-सखा के रूप में ब्रजभूमि में निवास करना चाहते हैं। इस प्रकार वे कृष्ण के साथ संबंध बनाए रखना चाहते हैं।
(गं) इस सवैये से रसखान का ब्रजभूमि के प्रति अनुपम प्रेम का पता चलता है। धरती के प्रति ऐसा अनुराग अन्य कहीं देखने को नहीं मिलता। यह कवि का ब्रजभूमि के प्रति अत्यंत सजीव और गहरा प्रेम है जिसे पढ़कर पाठक अभिभूत हो उठता है।
प्रश्न ४: रसखान की भक्ति भावना पर अपना विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर: रसखान श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं। वे जीवन-भर उनके ध्यान में लीं रहना चाहते हैं। यही कारण है कि वे ब्रजभूमि से गहरा लगाव रखते हैं। वे कामना करते हैं कि अगले जन्म में कृष्ण के संपर्क में रहने वाले प्राणी या पदार्थ बनें। वे कृष्ण की लाठी और कम्बल पर तीनों लोकों का राज न्योछावर करने को तैयार हैं। वे ब्रज के वन, बाग़, सरोवर और करील-कुंजों पर भी अपना सर्वस्व न्योछावर करना चाहते हैं। वे कृष्ण का सान्निध्य पाने के लिए कृष्ण का स्वाँग भी रचने को तैयार हैं। वे कृष्ण की मधुर मुरली पर पूरी तरह मुग्ध हैं।
Chapter-11, Raskhan (Kshitij Bhag - 1) | Class IX Hindi Text Book Exercise Solution [Read]
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