CBSE Board Class 8, Hindi Course 'A' - Guide
NCERT Hindi - Vasant (Basant) Bhag 3
Lesson 14, अकबरी लोटा
प्रश्न अभ्यास (NCERT Textbook Exercise Solved)
प्रश्न १: "लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।" लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिरभी उन्हों ने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिरभी उन्हों ने चुपचाप
लोटा ले लिया क्योंकि वे अपनी पत्नी का अदब मानते थे। इसके अतिरिक्त उन्हों
ने सोचा कि अभी तो लोटे में पानी मिला है यदि चूँ कर दू तो कहीं बाल्टी
में भोजन ना करना पड़े। यही सोच कर उन्हों ने चुप रहना ही बेहतर समझा।
प्रश्न २: "लाला झाऊलाल ने फ़ौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।" आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?
उत्तर:
लाला झाऊलाल मुश्किल से दो-एक घूँट पानी ही पीये होंगे कि ना जाने कैसे
उनका हाथ हिल उठा और लोटा छुट गया। लोटा गिरने पर गली में मचे शोर को सुनकर
लाला झाऊलाल दौड़कर नीचे उतरे। उन्हों ने लोटे के पानी से भींगे अंग्रेज
को देखा जो अपना पैर सहला रहा था। वे सारी स्थिति को भाँप गए। उन्हों ने
समस्या का आगा-पीछा सब सोच-विचार लिया तथा समझ लिया कि अब चुप रहना ही
बेहतर है वर्ना समस्या और उग्र हो जायेगी।
प्रश्न
३: अंग्रेज के सामने बिलवासीजी ने झाऊलाल को पहचान ने तक से क्यों इनकार
कर दिया था? आपके विचार से बिलवासीजी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे?
स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
अंग्रेज के सामने बिलवासीजी ने झाऊलाल को पहचानने से इनकार कर दिया क्यों
कि वह अपनी योजना पूरी करना चाहते थे जिससे पैसे कि व्यवस्था हो सकें।
यदि वे लालाजी को पहचानते तो योजना विफल हो जाती। पंडित बिलवासी मिश्र ऐसा
अजीब व्यवहार इसलिए भी कर रहे थे कि अंग्रेज को ज़रा भी संदेह न हो कि वह
लाला झाऊलाल का आदमी है।
प्रश्न ४: बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।
उत्तर:
बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध अपने ही घर से अपनी पत्नी के संदूक से किया
था। यद्यपि ताली उसकी पत्नी की सोने की चेन से बँधी रहती थी, पर उन्हों
ने चुप-चाप उसे उतार कर ताली से संदूक खोल लिया था और रुपये निकाल लिए थे।
बाद में उन्हों ने रुपये चुप-चाप वहीं रख दिए।
प्रश्न ५: आपके विचार से अंग्रेज ने वह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिये और लिखिए।
उत्तर:
अंग्रेज पुरानी ऐतिहासिक महत्त्व की चीजें खरीदने की शौकीन होते हैं। उस
अंग्रेज का एक पड़ोसी मेजर डगलस पुरानी चीजों में उससे बाजी मारने का दावा
करता रहता था। उसने एक दिन एक जहाँगीरी अंडा दिखाकर कहा था कि वह इसे
दिल्ली से ३०० रुपये में लाया है। वह अंग्रेज इसका बदला देना चाहता था। अतः
उसने ५०० रुपये देकर अकबरी लोटा खरीद लिया। वास्तव में वह लोटा अकबरी था
ही नहीं, बिलवासी ने उसे मुर्ख बनाया था। इस लोटे को दिखा कर वह मेजर डगलस
को नीचा दिखाना चाहता था।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न २: "उस दिन रात्रि में बिलवासीजी को देर तक नींद नहीं आई।" समस्या झाऊलाल कि थी और नींद बिलवासीजी कि उड़ी तो क्यों? लिखिए।
उत्तर: बिलवासीजी अपनी पत्नी के सो जाने कि प्रतीक्षा कर रहे थे ताकि वे सोई पत्नी के गले सोने कि वह सिगड़ी निकाल सकें, जिसमें एक ताली बँधी हुई थी। वे ताला खोल कर पत्नी के रुपयों को उसके संदूक में वैसे ही चुप-चाप रख देना चाहते थे जैसे वे निकाले थे। यहाँ समस्या झाऊलाल कि नहीं बिलवासीजी कि थी।
पता कीजिये
प्रश्न ४: बिलवासीजी ने किस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या ग़लत?
उत्तर: नैतिक दृष्टी से तो वह तरीका ग़लत था क्यों कि किसी अनजान व्यक्ति को मुर्ख बनाया गया था। पर उन्हों नेअपनी समझ व बुद्धि से समस्या का समाधान खोज निकाला था।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न २: "उस दिन रात्रि में बिलवासीजी को देर तक नींद नहीं आई।" समस्या झाऊलाल कि थी और नींद बिलवासीजी कि उड़ी तो क्यों? लिखिए।
उत्तर: बिलवासीजी अपनी पत्नी के सो जाने कि प्रतीक्षा कर रहे थे ताकि वे सोई पत्नी के गले सोने कि वह सिगड़ी निकाल सकें, जिसमें एक ताली बँधी हुई थी। वे ताला खोल कर पत्नी के रुपयों को उसके संदूक में वैसे ही चुप-चाप रख देना चाहते थे जैसे वे निकाले थे। यहाँ समस्या झाऊलाल कि नहीं बिलवासीजी कि थी।
पता कीजिये
प्रश्न ४: बिलवासीजी ने किस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या ग़लत?
उत्तर: नैतिक दृष्टी से तो वह तरीका ग़लत था क्यों कि किसी अनजान व्यक्ति को मुर्ख बनाया गया था। पर उन्हों नेअपनी समझ व बुद्धि से समस्या का समाधान खोज निकाला था।
अन्य आवश्यक प्रश्न (Extra CBSE Sample Questions)
प्रश्न १: समय बीतते देखकर लाला झाऊलाल ने अपनी विपदा किसे सुनाई? उसने क्या उत्तर दिया?
उत्तर: जब चार दिन ज्यों-त्यों में ही बीत गए और
पैसे का प्रबंध नहीं हो सका तो पांचवे दिन घबराकर लाला झाऊलाल ने पंडित
बिलवासी मिश्र को अपनी विपदा सुनाई। संयोग कुछ ऐसा बिगड़ा था कि बिलवासीजी
भी उस समय बिलकूल खुक्ख थे। उन्हों ने कहा- "मेरे पास हैं तो नहीं, पर मैं
कहीं से माँग-जाँच कर लाने कि कौशिश करूँगा और अगर मिल गये तो कल शाम को
तुम से मकान पर मिलूँगा।"
really helpful
ReplyDeleteits ok
ReplyDeleteExcellent
DeleteExcellent....
ReplyDeleteGive character sketche of bilwasi
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