अपूर्व अनुभव
Class VII, Ncert Cbse Hindi Solutions
Vasant Bhag II / Basant Bhag 2
प्रश्न - अभ्यास NCERT solutions of Hindi textbook exercise questions
प्रश्न.१: यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।उत्तर: यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। यासुकी-चान तोत्तो-चान का घनिष्ट मित्र था। अतः तोत्तो-चान जानती थी कि यासुकी-चान आम बालक कि तरह पेड़ पर चढ़ने के लिए इच्छुक है। उसकी इसी इच्छा को पूरा करने के लिए तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास किया।
प्रश्न.२: दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अन्तर रहे? लिखिए।
उत्तर: दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से पेड़ पर चढ़ने की सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला। इन दोनों के अपूर्व अनुभव को निम्न रूप में कह सकते हैं-
तोत्तो-चान का अनुभव - तोत्तो-चान स्वयं तो रोज ही अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी। लेकिन पोलियो से ग्रस्त अपने मित्र यासुकी-चान को पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचाने से उसे अपूर्व आत्म संतुष्टि प्राप्त हुई क्योंकि उसके इस जोखिम भरे कार्य से यासुकी-चान को भी अत्यधिक प्रसन्नता मिली थी।
यासुकी-चान का अनुभव - यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ कर अपूर्व खुशी मिली। उसकी मन की इच्छा पूरी हो गई। उसने पेड़ पर चढ़कर दुनिया को निहारा।
प्रश्न.४:
'यासुकी-चान को लिए पेड़ पर चढ़ने का यह . . . . . अन्तिम मौका था' - इस
अधूरे वाकया को पूरा कीजिये और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा
होगा।
उत्तर:
यासुकी -चान पोलियो से पीड़ित था। वह स्वयं पेड़ पर चढ़ने में असमर्थ था।
अपनी बालिका मित्र तोत्तो-चान कि मदद से वह उसके पेड़ पर चढ़ा। इस पेड़ पर
चढ़ने से पहले उसे बहुत परेशानी, बाधा और निराशा से जूझना पड़ा। यासुकी-चान
जब सीढ़ी पर चढ़ता था तो सीढ़ी डगमगा जाती थी और वह निराश हो जाता था। पर
तोत्तो-चान कि सुझबुझ और मेहनत से वोह पेड़ पर चढ़ने में सफल हो गया।
लेखिका ने उसकी इस चढ़ाई को अन्तिम चढ़ाई माना है क्यों कि तोत्तो-चान बहुत
जोखिम उठा कर अपने माता-पिता को बिना बताये उसे पेड़ पर चढ़ाई थी शायद वह
दोबारा ऐसा कभी ना कर पाएगी। अनुमान और कल्पना
प्रश्न.१: अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे क्यों थी?
उत्तर: तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था। यह बात उसने अपनी माँ से छिपाई थी क्यों की उसे मालूम था कि माँ यह जोखिम भरा कार्य नहीं करने देगी। जब माँ ने उससे पूछा कि कहाँ जा रही है तो उसने झूठ कहा कि वह यासुकी-चान से मिलने उसके घर जा रही है। यह कहते समय उसकी नज़रें नीची थीं क्योंकि वह माँ से झूठ बोल रही थी। उसे डर था कि शायद वह माँ से नज़रें मिलाकर जब यह बात कहेगी तो उसका झूठ पकड़ा जायेगा।
अन्य आवश्यक प्रश्न Additional Important Questions
प्रश्न.१: यह कहानी हमें क्या शिक्षा देती है?
उत्तर: यह कहानी हमें शिक्षा देती है कि हमें विकलांगों की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए। उनके मन में भी ऐसी इच्छाएँ होतीं हैं जिन्हें पूरा करने में वे असमर्थ होते हैं। ऐसे में हमें उनकी मदद करनी चाहिए जैसे यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ने का शौक था लेकिन वह चढ़ने में असमर्थ था लेकिन तोत्तो-चान ने उसे मुश्किलों का सामना करते हुए भी पेड़ पर चढ़ाकर धरती और आकाश का नज़ारा दिखाया।
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