NCERT Answers of CBSE Class 10, Hindi Kshitij Chapter 3 - Dev देव - Part II

 

CBSE Guide and NCERT Answers of Class 10 Kshitij Bhag 2

Class 10 Hindi Chapter 3, Dev देव 

Question 6: चाँदनी रात की सुन्दरता को कवि देव ने किन-किन रूपों में देखा है ?   
Answer: कवि देव ने अपने कवित्त में चाँदनी के सौन्दर्य का वर्णन कुछ इस प्रकार से किया है -
  • कवि ने आकाश में फ़ैली हुई चाँदनी को धवल पारदर्शी स्फटिक की शिलाओं से बने अमृत के मंदिर के रूप में देखा है। 
  • कवि ने चाँदनी को दही के समुद्र के तेजी से उमड़कर चारों ओर फ़ैल जाने के स्वरुप को धारण किये हुए चित्रित किया है।
  • कवि देव ने चाँदनी को एक ऐसे आँगन के फर्श के रूप में देखा है जिस पर ढूध का फेन सर्वत्र फैला हुआ है। उस आँगन के चारों ओर कहीं भी कोई दीवार नहीं है। 
  • उन्हों ने चाँदनी रात में तारा को झिलमिल करती नायिका के रूप में देखा है। 
  • कवि को चंद्रमा में राधा कारूप दिखाई दे रहा है।    
Question 7: 'प्यारी राधिका को पप्रतिबिंब सो लगत चंद' - इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करते हुए बताएँ कि इसमें कौन-सा अलंकार है ?   
Answer: भाव: कवि अपने कल्पना में आकाश को एक दर्पण के रूप में प्रस्तुत किया है और आकाश में चमकता हुआ चन्द्रमा उन्हें प्यारी राधिका के प्रतिबिम्ब के समान प्रतीत हो रहा है। कवि के कहने का आशय यह है कि चाँदनी रात में चन्द्रमा भी दिव्य स्वरुप वाला दिखाई दे रहा है। 
अलंकार: इस पंक्ति में उपमा अलंकार है।    

Question 8: तीसरे कवित्त के आधार पर बताइए कि कवि ने चांदनी रात की उज्ज्वलता का वर्णन करने के लिए किन-किन उपमानों का प्रयोग किया है ? 
Answer: कवि देव अपने कवित्त में चाँदनी रात के अनुपम रूप को चित्रित किया है। उन्होंने चांदनी रात की उज्ज्वलता को प्रकट करने के लिए कई उपमानों का प्रयोग किया है जैसे - स्फटिक शिलाओं, दही का समुद्र, दूध का फेन, मोतियों की ज्योति, दर्पण की आभा आदि।      

Question 9: पठित कविताओं के आधार पर कवि देव की काव्यगत विशेषताएँ बताइए।  
Answer: रीतिकालीन कवियों में देव को अत्यंत प्रतिभाशाली कवि माना जाता है। देव की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित हैं - 
  • उनकी काव्य की भाषा ब्रजभाषा है। 
  • भाषा का छंदोबद्ध प्रयोग किया गया है।
  • कवित्त एवं सवैया छंद का प्रयोग है। 
  • माधुर्य गुण झलकता है। 
  • देव ने अपनी कविताओं में प्रकृति एवं मानवीय रूप-सौंदर्य के आलंकारिक चित्रण के साथ प्रेम आदि भावों की अभिव्यक्ति भी की है। 
  • अनुप्रास, रूपक, उपमा आदि अलंकारों से सुसज्जित है। 
  • देव के प्रकृति वर्णन में अपारम्परिकता है। जैसे, वसंत का वर्णन एक बालक के रूप में किया गया है। 
  • देव के कवित्त में श्रीकृष्ण की राजसी शोभा के वर्णन में रीतिकालीन सामंती संस्कृति के तत्व का आभास मिलता है।  



2 comments:
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  1. thanks alot for helping students.. doing a gr8 job.. :) :)

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  2. Thanx for give"s point wise answer
    And to study easy

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