साना साना हाथ जोड़ि (Sana Sana Haath Jodi)
by - Madhu Kankaria
Class X, CBSE Hindi Kritika Bhag - 2
NCERT Answers of Hindi Textbook Chapter 3, Exercise Questions
Question 1: झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था ?
Answer: झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक -
- गंतोक सिक्किम राज्य की राजधानी है। इसकी सुंदरता सुबह ,शाम व रात को देखते ही बनती थी।
- वहाँ रात्रि के समय आसमान ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सारे तारे बिखरकर नीचे टिमटिमा रहे थे।
- दूर ढलान लेती तराई पर सितारों के गुच्छे रोशनियों की एक झालर -सी बना रहे थे। रात के अन्धकार में सितारों से झिलमिलाता गंतोक लेखिका को जादुई एहसास करा रहा था।
- सितारों भरी रहस्यमयी रात्रि में लेखिका को यूँ लगा मनो उसका सब कुछ स्थगित हो गया हो। वह प्राणरहित हो गयी हो। वह एक अदृश्य शून्य में खो गई। वह एक अद्भुत सुख सी अतीन्द्रियता में डुबी हुई उस जादुई उजाले में नहा रही थी जो उसे आत्मिक सुख प्रदान कर रही थी।
Question 2: गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया ?
Answer: गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' इसलिए कहा गया क्योंकि यहाँ के लोग बहुत मेहनती हैंऔर यह उनकी मेहनत ही है जिसकी वजह से आज भी गंतोक अपने पुराने स्वरुप को कायम रखे हुए है। पहाड़ी क्षेत्र के कारण पहाड़ों को काटकर रास्ता बनाना पड़ता है। पत्थरों पर बैठकर औरतें पत्थर तौड़ती हैं। उनके हाथों में कुदाल व हथौड़े होते हैं। कइयों की पीठ पर बँधी टोकरी में उनके बच्चे भी बँधे रहते हैं और वे काम करते रहते हैं। उनकी मातृत्व व परिश्रम साथ -साथ देखी जा सकती हैं। यहाँ की पहाड़िनें ही रास्ता बनाती हैं। सिर पर लकड़ियों के भारी भरकम गठ्ठर उठती हैं। हरे -भरे बागानों में युवतियाँ बोकु पहने चाय की पत्तियाँ तोड़ती हैं। बच्चे भी अपनी माँ के साथ काम करते हैं। इसलिए गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा गया हैं।
Question 3: कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहरना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
Answer:श्वेत पताकाओं का फहरना: एक कतार में लगी सफ़ेद बौद्ध पताकाएँ शांति व अहिंसा की प्रतीक हैं ,इन पर मंत्र लिखे होते हैं। जब किसी बुद्धिस्ट की मृत्यु हो जाती है ,तो उसकी आत्मा की शांति के लिए शहर से दूर किसी भी पवित्र स्थान पर एक सौ आठ श्वेत पताकाएँ फहरा दी जाती हैं। इन्हें उतारा नहीं जाता ,ये स्व्यं ही नष्ट हो जाती हैं।
रंगीन पटाकाओं का फहरना: किसी नए कार्य की शुरूआत में रंगीन पताकाएँ लगाई जाती हैं। यह कार्य भी बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग ही करते हैं।
Question 4: जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।
Answer: जितेन नार्गे ने लेखिका को निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी -
प्रकृति-सिक्किम एक पहाड़ी इलाका है। यहाँ जगह -जगह पर पाईन और धूपी के खूबसूरत नुकीले पेड़ हैं। रास्ते वीरान,संकरे,जलेबी की तरह घुमावदार हैं। थोड़ी -थोड़ी डूडी पर झरने बह रहे हैं। घाटियों का सौंदर्य देखते ही बनता हैं। नार्गे ने बताया कि वहाँ की खुबसूरती,स्विट्ज़रलैंड की खुबसूरती से तुलना की जा सकती है।
भौगोलिक स्थिति-गैंगटॉक (गंतोक) से 149 किलोमीटर की दूरी पर यूमथांग है। यहाँ फूलों से लदी वादियाँ हैं। रास्ते में 'कवी लोंग स्टॉक' है,जहाँ 'गाइड' फिल्म की शूटिंग हुई थी। थोड़ा ऊपर हिमालय पर्वत है। रास्ते में 'सेवेन सिस्टर्स वाटरफॉल' है। पहाड़ी रास्तों पर फहराई गई सफ़ेद धव्जा बुद्धिस्ट की मृत्यु तथा शान्ति की प्रतिक है और रंगीन धव्जा किसी नए कार्य की शुरूआत दर्शाते हैं।
जनजीवन-यहाँ के लोग बहुत मेहनती हैं। स्त्रियाँ व बच्चे सब काम करते हैं। स्त्रियाँ स्वेटर बुनती हैं,घर संभालती हैं,खेती करती हैं,पत्थर तोड़-तोड़ कर सड़कें बनाती हैं। चाय की पत्तियाँ चुनने बाग़ में जाती हैं। बच्चों को अपनी कमर पर कपड़े में बाँधकर रखती हैं। बच्चे पढ़ने के लिए तीन-चार किलोमीटर पहाड़ी चढ़ाई चढ़कर स्कूल जाते हैं। शाम को अपनी माँओं के साथ काम करते हैं। उनका जीवन बहुत श्रमसाध्य है। उसने बताया कि सिक्किम के लोग अन्य भारतीयों की तरह घुमते चक्र में अपनी आस्थाएँ तथा अंधविश्वास रखते हैं।
प्रकृति-सिक्किम एक पहाड़ी इलाका है। यहाँ जगह -जगह पर पाईन और धूपी के खूबसूरत नुकीले पेड़ हैं। रास्ते वीरान,संकरे,जलेबी की तरह घुमावदार हैं। थोड़ी -थोड़ी डूडी पर झरने बह रहे हैं। घाटियों का सौंदर्य देखते ही बनता हैं। नार्गे ने बताया कि वहाँ की खुबसूरती,स्विट्ज़रलैंड की खुबसूरती से तुलना की जा सकती है।
भौगोलिक स्थिति-गैंगटॉक (गंतोक) से 149 किलोमीटर की दूरी पर यूमथांग है। यहाँ फूलों से लदी वादियाँ हैं। रास्ते में 'कवी लोंग स्टॉक' है,जहाँ 'गाइड' फिल्म की शूटिंग हुई थी। थोड़ा ऊपर हिमालय पर्वत है। रास्ते में 'सेवेन सिस्टर्स वाटरफॉल' है। पहाड़ी रास्तों पर फहराई गई सफ़ेद धव्जा बुद्धिस्ट की मृत्यु तथा शान्ति की प्रतिक है और रंगीन धव्जा किसी नए कार्य की शुरूआत दर्शाते हैं।
जनजीवन-यहाँ के लोग बहुत मेहनती हैं। स्त्रियाँ व बच्चे सब काम करते हैं। स्त्रियाँ स्वेटर बुनती हैं,घर संभालती हैं,खेती करती हैं,पत्थर तोड़-तोड़ कर सड़कें बनाती हैं। चाय की पत्तियाँ चुनने बाग़ में जाती हैं। बच्चों को अपनी कमर पर कपड़े में बाँधकर रखती हैं। बच्चे पढ़ने के लिए तीन-चार किलोमीटर पहाड़ी चढ़ाई चढ़कर स्कूल जाते हैं। शाम को अपनी माँओं के साथ काम करते हैं। उनका जीवन बहुत श्रमसाध्य है। उसने बताया कि सिक्किम के लोग अन्य भारतीयों की तरह घुमते चक्र में अपनी आस्थाएँ तथा अंधविश्वास रखते हैं।
Question 5: लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?
Answer: लोंग स्टॉक के घूमते चक्र के बारे में जितेन ने बताया कि यह धर्म चक्र है,इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। लेखिका को लगा कि चाहे मैदान हो या पहाड़,तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद इस देश की आत्मा एक जैसी है। यहाँ लोगों की आस्थाएँ,विश्वास,पाप-पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ एक जैसी हैं।
Question 6: जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?
Answer: जितेन नार्गे अपने देश के प्रति पूरा समर्पित था। उसे सिक्किम के जन-जीवन,प्रकृति तथा वहाँ के इतिहास के बारे में भरपूर जानकारी थी। वह एक कुशल गाइड था। एक कुशल गाइड में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक हैं जैसे-
- एक कुशल गाइड को उस स्थान की प्राकृतिक तथा भौगोलिक स्थितियों की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
- अपनी कही बात पर भरोसा होना चाहिए।
- वह पर्यटक को कोई गलत जानकारी न दे।
- उसे रास्तों का ज्ञान इस कदर होना चाहिए कि भारी धुंध में भी गाड़ी चला सके।
- वह यात्रियों को रास्तें में आने वाले दर्शनीय स्थलों की जानकारी देता रहे।
- वहाँ के जन-जीवन की दिनचर्या से अवगत कराए।
- रास्ते में आए प्रत्येक दृश्य से पर्यटकों को अवगत कराए।
Question 7: इस यात्रा-वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा हैं, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
Answer: इस यात्रा-वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के निम्नलिखित रूपों का चित्र खींचा हैं-
- इस यात्रा-वृत्तांत में हिमालय का अनंत सौंदर्य का ऐसा अद्भुत वर्णन लेखिका ने किया है कि मानो हिमालय का पल-पल परिवर्तित सौंदर्य हम अपनी आँखों से निहार रहे हों।
- हिमालय कहीं चटक हरे रंग का मोटा कालीन ओढ़े हुए,तो कहीं हल्का पीलापन लिए हुए प्रतीत हाओत है।
- कहीं प्लास्टर उखड़ी दिवार की तरह पथरीला और देखते-ही-देखते सब कुछ समाप्त हो जाता है मानो किसी ने जादू की छरी घूमा दी हो। कभी बादलों की ह मोटी चादर के रूप में,सब कुछ बादलमय दिखाई देता है तो कभी कुछ और।
- चारों तरफ हिमालय की गहनतम वादियाँ और रंग-विरंगे फूलों से लदी घाटियाँ थीं।
- जैसे-जैसे ऊँचाई की ओर बढ़ने लगे रास्ते और वीरान,सँकरे व जलेबी की तरह घुमावदार और खतरनाक हो रहे थे। हिमालय बड़ा होते-होते अब विशालकाय लगने लगा।
- रास्ते में कहीं-कहीं दूध की धार की तरह दिखने वाले जल-प्रपात थे तो वहीं नीचे चाँदी की तरह चमकती तेज धार वाली तिस्ता नदी।
- कटाओ से आगे बढ़ने पर पूरी तरह बर्फ से ढके पहाड़ दिख रहे थे।
Question 8: प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरुप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?
Answer:
- प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरुप को देखकर लेखिका को लगा कि इस सारे परिदृश्य को वह अपने अंदर समेट ले।
- लेखिका चित्रलिखित सी 'माया' और 'छाया 'के अनूठे खेल को भर-भर आँखों से देखती जा रही थी। उसे लगा कि प्रकृति उसे सयानी बनाने के लिए जीवन रहस्यों करने पर तुली हुई है।
- इन अद्भुत और अनूठे नजारों ने लेखिका को पल भर में ही जीवन की शक्ति का अनुभव करा दिया। उसे ऐसा लगने लगा जैसे वह देश व काल की पारापार से दूर,बहती धारा बनकर बह रही हो और उसकी मन के सारा मैल और वासनाएँ इस निर्मल धरा में बह कर नष्ट हो गई हो।
NCERT Answers of Chapter-3 Exercise Questions 9 - 16 (Sana Sana Haath Jodi by Madhu Kankaria) of CBSE Class 10, Hindi Kritika Bhag 2:
Class X, CBSE Hindi Kritika Bhag 2 - NCERT Answers for Chapter 3, Sana Sana Haath Jodi by Madhu Kankaria
Class X, CBSE Hindi Kritika Bhag 2 - NCERT Answers for Chapter 3, Sana Sana Haath Jodi by Madhu Kankaria
thanks for helping me in my home work
ReplyDeleteit's toooooooooo help me
ReplyDeleteExtra short ques of this chapter
ReplyDeleteCan uh also provide the summary of this chapter!
ReplyDeleteVeryyyyyyyyyyyyyyyy helpful
ReplyDeleteThanks for sharing this useful info. Check it on: Aadharcard
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