Chitthiyon Ki Anuthi Duniya by Arvind Kumar Singh
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
Chitthiyon Ki Anuthi Duniya by Arvind Kumar Singh
Chapter 5, Vasant Bhag 3
Class 8 CBSE Hindi - NCERT Answers
पाठ से -प्रश्न १: पत्र जैसा संतोष फोन या एस एम एस का सन्देश क्यों नहीं दे सकता?
Answer: पत्र जैसा संतोष फोन या एस एम एस का सन्देश नहीं दे सकता है क्योंकि पत्र में हम अपनी इच्छा, आवेग तथा मनोभावना को स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं जो फोन या एस एम एस में संभव नहीं। फोन या एस एम एस में कामकाजी बात को संक्षिप्त रूप में कही जाती है जबकि पत्र में लिखी गयी भाषा में आत्मीयता की भावना समायी रहती है। इसके अतिरिक्त हम अपने मित्रों, सगे-संबंधियों द्वारा भेजे गए पत्रों को उनके धरोहर के रूप में सहेजकर रख सकते हैं जिन्हें हम बाद में पढ़ कर भी कई बार आनंद अनुभव करते हैं। परंतु फोन या एस एम एस में यह सब संभव नहीं हैं।
Answer: खत - उर्दू;
कागद - कन्नड़;
उत्तरम, जाबू, लेख - तेलुगु;
काडिद् - तमिल;
पाती, चिट्ठी - हिंदी;
पत्र - संस्कृत
प्रश्न ३: पत्र-लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हुए? लिखिए।
Answer: पत्र लेखन की कला को विकसित करने के लिए हमारे तथा विश्व के अन्य कई देशों में अलग-अलग प्रयास किये गए। जैसे -
- पत्र-संस्कृति को विकसित करने के लिए स्कूली पाठयक्रमों में पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया।
- विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का कार्यक्रम सन् 1972 से शुरू किया गया।
प्रश्न ४: पत्र धरोहर हो सकते हैं, लेकिन एस एम एस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए।
Answer: व्यक्ति अपने हाथों से पत्र को लिखता है और इसीलिए पत्र को उस व्यक्ति का एक लिखित अस्तित्व या धरोहर के रूप में देखा जाता है। फोन या एस एम एस में कामकाजी बात को संक्षिप्त रूप में कही जाती है जबकि पत्र में लिखी गयी भाषा में आत्मीयता की भावना समायी रहती है। हम अपने मित्रों, सगे-संबंधियों द्वारा भेजे गए पत्रों को उनके धरोहर के रूप में सहेजकर रखते हैं परन्तु एसएमएस को जल्द ही भुला दिया जाता है। एसएमएस को मोबाइल में सहेज कर रखने की क्षमता ज़्यादा दिनों तक नहीं होती है। परन्तु पत्रों के साथ यह समस्या नहीं होती है। कोई जितने चाहे उतने पत्रों को धरोहर के रूप में सहेजकर रख सकते हैं। दुनिया के तमाम संग्रहालयों में ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के पत्रों का अनूठा संकलन भी है। बड़े-बड़े लेखक, प्रशासक, शिक्षाविद, वैज्ञानिक, उद्दमी, कलाकार, खिलाड़ी की पत्र रचनाएँ अनुसंधान का विषय हैं।
प्रश्न ५: क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकता है?
Answer: फैक्स, इ-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल संचार के आधुनिक साधन हैं। इनसे व्यावसायिक कामकाज तो चलाया जा सकता है पर इनमे वे गुण नहीं आ सकते जो पत्रों में होते हैं।
व्यक्ति अपने हाथों से पत्र को लिखता है। पत्र से एक आत्मीयता का बोध होता है। लोग अपने मित्र, सगे-संबंधियों तथा पुरखों की चिट्ठियों को सहेजकर विरासत के रूप में रखते हैं, जबकि फैक्स, इ-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल में भेजे गए सन्देश अपना सुचना देकर अर्थहीन हो जाते हैं। यह साधन आज भले ही आवश्यकताओं में आते हैं लेकिन, ये चिट्ठियों का स्थान कभी नहीं ले सकते हैं।
Chitthiyon Ki Anuthi Duniya by Arvind Kumar Singh
Class 8 CBSE Hindi - NCERT Answers
पाठ से आगे -प्रश्न १: किसी को बिना टिकट सादे लिफाफे पर सही पता लिखकर बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है? पता कीजिए।
Answer: किसी को बिना टिकट सादे लिफाफे पर सही पता लिखकर बैरंग भेजने पर पत्र अपने ठिकाने पर पहुँच तो जायगा पर संबंधित व्यक्ति को वह पत्र तभी मिलेगा जब वह डाक टिकट तथा जुर्माना का भुगतान करेगा। अतः, हमें पत्र भेजने से पहले यह निश्चित कर लेना चाहिए कि लिफ़ाफ़े पर उचित डाक टिकट लगा है।
प्रश्न २: पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, कैसे?
Answer: पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, क्योंकि इससे उस क्षेत्र का पता चल जाता है जहाँ उस पत्र को भेजा गया है।
पिन कोड की पहले चार अंकों से शहर का पता चलता है, और अंतिम दो अंकों से उस शहर का एक निश्चित क्षेत्र का संकेत मिलता है। पिन कोड संख्याओं में लिखा पता भले ही हो पर केवल पिन कोड से पत्र को किसी मकान या व्यक्ति तक नहीं पहुँचाया जा सकता। परन्तु इसके रहने से पत्र की छँटाई में बड़ी सुविधा होती है जिसके चलते पत्रों को जल्दी पहुँचाने में मदद मिलती हैं।
प्रश्न ३: ऐसा क्यों होता था कि महात्मा गाँधी को दुनिया भर से पत्र 'महात्मा गाँधी - इंडिया' पता लिखकर आते थे?
Answer: महात्मा गाँधी को दुनिया भर से पत्र 'महात्मा गाँधी - इंडिया' पता लिखकर आते थे क्योंकि उन दिनों महात्मा गाँधी सर्वाधिक लोकप्रिय एवं चर्चित व्यक्ति थे। वे कहाँ होंगे इसका पता सबको रहता था। अतः उनके नाम आया हुआ कोई भी पत्र उन तक अवश्य पहुँच जाता था जिसका मुख्य कारण उनका असामान्य लोकप्रियता था।
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