CBSE Guide NCERT Solutions - Class 7 Sanskrit (Ruchira Part 2)
Anarikaya Jigyasa - अनारिकाया: जिज्ञासा
(Chapter summary, Sanskrit word meaning in Hindi, NCERT Textbook exercise answers and some important additional questions answers in Sanskrit)
Summary in Hindi (पाठसारः) - Hindi meaning of Sanskrit Lesson
अनारिका के मन में जिज्ञासा बनी रहती थी। उसके प्रश्न सुनकर किसी का भी बुद्धि भ्रमित हो जाता था। एक दिन जब उसका मन उदास था वह घर से बाहर निकल गयी। वह देर तक बाहर घूमती रही। बाहर उसने देखा कि सभी मार्ग सजे हुए हैं। इस कारण उसे लगा कि कोई मन्त्री आज आएगा। इस विषय में उसके मन में जिज्ञासाएँ आरम्भ हो गयी।
उसने घर आकर अपने पिता से मंत्री के आने का कारण पूछा। तो पिता ने बताया कि नदी के ऊपर एक पुल बनाया गया है जिसका उद्घाटन के लिए मंत्री जी आ रहे हैं।
अनारिका ने फिर पूछा कि क्या मंत्री ने पुल का निर्माण किया है? तब उसके पिता ने कहा पुल का निर्माण मजदूरों ने किया है। पुनः अनारिका ने प्रश्न किया कि यदि मजदूरों ने पुल का निर्माण किया है, तो उद्घाटन करने मंत्री क्यों आ रहे है?
इस पर पिता ने उसे समझाया, "क्योंकि वह हमारे देश का मंत्री है, इसलिए आ रहा है।" पिता ने आगे और बताया कि प्रजा सरकार को धन देती है। उस धन से पत्थर आदि सामग्री खरीदी जाती है। तब जाकर पूल का निर्माण होता है। इस प्रकार उसके पिता ने अनेक प्रश्नों का उत्तर देते हुए अनारिका की जिज्ञासा को शान्त किया।
Meaning of Sanskrit words in Hindi (शब्दार्थ)
मनसि - मन में। भ्रमति - घूमती थी। चक्रवत् - चक्र की तरह। अन्वभवत् - अनुभव किया। अद्ध - आज। चिन्तयन्ती - सोचती हुई। शमयितुम् - शान्त लिए। प्रारब्धाः - आरम्भ हुई। नद्धाः - नदी का। सेतुः - पुल। सेतोः - पुल का। कर्मकराः - मजदूरों ने। अकुर्वन् - किया। कुतः - कहाँ से। ददाति - देता है। आसीत् - था। यतोहि - क्योंकि। प्रस्तराणि - पत्थर। आयान्ति - आते हैं। उदत् रत् - उत्तर दिया। पार्श्वे - पास। सर्वकाराय - सरकार के लिए। प्रयच्छन्ति - देते है। भूत्वा - होकर। करोषि - करती है। उत्तरन् - उत्तर देते हुए।
NCERT Answers of Textbook Chapter Exercise Questions (important questions only) - Anarikaya Jigyasa - अनारिकाया: जिज्ञासा
(ख) मन्त्री किमर्थम् आगच्छति?
(ग) सेतोः निर्माणं के अकुर्वन्?
(घ) सेतोः निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि कुतः आनयन्ति?
(ङ) के सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति?
उसने घर आकर अपने पिता से मंत्री के आने का कारण पूछा। तो पिता ने बताया कि नदी के ऊपर एक पुल बनाया गया है जिसका उद्घाटन के लिए मंत्री जी आ रहे हैं।
अनारिका ने फिर पूछा कि क्या मंत्री ने पुल का निर्माण किया है? तब उसके पिता ने कहा पुल का निर्माण मजदूरों ने किया है। पुनः अनारिका ने प्रश्न किया कि यदि मजदूरों ने पुल का निर्माण किया है, तो उद्घाटन करने मंत्री क्यों आ रहे है?
इस पर पिता ने उसे समझाया, "क्योंकि वह हमारे देश का मंत्री है, इसलिए आ रहा है।" पिता ने आगे और बताया कि प्रजा सरकार को धन देती है। उस धन से पत्थर आदि सामग्री खरीदी जाती है। तब जाकर पूल का निर्माण होता है। इस प्रकार उसके पिता ने अनेक प्रश्नों का उत्तर देते हुए अनारिका की जिज्ञासा को शान्त किया।
Meaning of Sanskrit words in Hindi (शब्दार्थ)
मनसि - मन में। भ्रमति - घूमती थी। चक्रवत् - चक्र की तरह। अन्वभवत् - अनुभव किया। अद्ध - आज। चिन्तयन्ती - सोचती हुई। शमयितुम् - शान्त लिए। प्रारब्धाः - आरम्भ हुई। नद्धाः - नदी का। सेतुः - पुल। सेतोः - पुल का। कर्मकराः - मजदूरों ने। अकुर्वन् - किया। कुतः - कहाँ से। ददाति - देता है। आसीत् - था। यतोहि - क्योंकि। प्रस्तराणि - पत्थर। आयान्ति - आते हैं। उदत् रत् - उत्तर दिया। पार्श्वे - पास। सर्वकाराय - सरकार के लिए। प्रयच्छन्ति - देते है। भूत्वा - होकर। करोषि - करती है। उत्तरन् - उत्तर देते हुए।
NCERT Answers of Textbook Chapter Exercise Questions (important questions only) - Anarikaya Jigyasa - अनारिकाया: जिज्ञासा
Question 1: Do it yourself.
Question 2: अधोलिखितानां प्रश्नानां एकपदेन उत्तराणि लिखत-
(क) कस्याः महती जिज्ञासा वर्तते?Question 2: अधोलिखितानां प्रश्नानां एकपदेन उत्तराणि लिखत-
(ख) मन्त्री किमर्थम् आगच्छति?
(ग) सेतोः निर्माणं के अकुर्वन्?
(घ) सेतोः निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि कुतः आनयन्ति?
(ङ) के सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति?
उत्तरम् :
(क) अनारिकायाः महती जिज्ञासा वर्तते।
(ख) मन्त्री नद्याः उपरि निर्मितः नवीनः सेतोः उद्घाटनार्थाय आगच्छति।
(ग) सेतोः निर्माणं कर्मकराः अकुर्वन्।
(घ) सेतोः निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि पर्वतेभ्यः आनयन्ति।
(ङ) प्रजाः सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति।
Question 3: रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत -
(क) अनारिकायाः महती जिज्ञासा वर्तते।
(ख) मन्त्री नद्याः उपरि निर्मितः नवीनः सेतोः उद्घाटनार्थाय आगच्छति।
(ग) सेतोः निर्माणं कर्मकराः अकुर्वन्।
(घ) सेतोः निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि पर्वतेभ्यः आनयन्ति।
(ङ) प्रजाः सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति।
Question 3: रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत -
(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण करें)
(क) अनारिकायाः प्रश्नैः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति।
(ख) मन्त्री सेतोः उद्घाटनार्थम् आगच्छति।
(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणम् कुर्वन्ति।
(घ) पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतोः निर्माणं भवित।
(ङ) जनाः सर्वकाराय देशस्य विकासार्थं धनं ददति।
उत्तरम् :
(क) कस्या: प्रश्नै: सर्वेषां बुद्धि: चक्रवत भ्रमति?
(ख) मन्त्री सेतो: किमर्थम् आगच्छति?
(ग) के सेतो: निर्माणम् कुर्वन्ति?
(घ) कुत: प्रस्तराणि आनीय सेतो: निर्माणं भवति?
(ङ) जना: कस्मै देशस्य विकासार्थं धनं ददति?
Question 4: उदाहरणानुसारं रूपाणि लिखत -
(क) अनारिकायाः प्रश्नैः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति।
(ख) मन्त्री सेतोः उद्घाटनार्थम् आगच्छति।
(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणम् कुर्वन्ति।
(घ) पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतोः निर्माणं भवित।
(ङ) जनाः सर्वकाराय देशस्य विकासार्थं धनं ददति।
उत्तरम् :
(क) कस्या: प्रश्नै: सर्वेषां बुद्धि: चक्रवत भ्रमति?
(ख) मन्त्री सेतो: किमर्थम् आगच्छति?
(ग) के सेतो: निर्माणम् कुर्वन्ति?
(घ) कुत: प्रस्तराणि आनीय सेतो: निर्माणं भवति?
(ङ) जना: कस्मै देशस्य विकासार्थं धनं ददति?
Question 4: उदाहरणानुसारं रूपाणि लिखत -
(उदाहरण के अनुसार रूप लिखें)
विभक्तिः
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
पिता
|
पितरौ
|
पितरः (पितृ)
|
………….
|
भ्रातरौ
|
………. (भ्रातृ)
|
|
द्वितीया
|
दातारम्
|
दातारौ
|
दातृन् (दातृ)
|
……….
|
धातरौ
|
…………. (धातृ)
|
|
तृतीया
|
धात्रा
|
………
|
धातृभिः (धातृ)
|
………….
|
कर्तृभ्याम्
|
………. (कर्तृ)
|
|
चतुर्थी
|
नेत्रे
|
नेतृभ्याम्
|
नेतृभ्यः (नेतृ)
|
विधात्रे
|
…………..
|
…………. (विधातृ)
|
|
पञ्चमी
|
कर्तुः
|
कर्तृभ्याम्
|
कर्तृभ्यः (कर्तृ)
|
……..
|
………
|
हर्तृभ्यः (हर्तृ)
|
|
षष्ठी
|
पितुः
|
पित्रोः
|
पितृणाम् (पितृ)
|
………….
|
भात्रोः
|
…………. (भ्रातृ)
|
|
सप्तमी
|
सवितरि
|
सवित्रोः
|
सवितृषु (सवितृ)
|
अभिनेतरि
|
………
|
………. (अभिनेतृ)
|
|
सम्बोधनम्
|
हे जामातः !
|
हे जामातरौ !
|
हे जामातरः (जामातृ)
|
हे नप्तः !
|
……….
|
………… (नप्तृ)
|
विभक्तिः
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
पिता
|
पितरौ
|
पितरः
|
भ्राता
|
भ्रातरौ
|
भ्रातरः
| |
द्वितीया
|
दातारम्
|
दातारौ
|
दातृन्
|
धातारम्
|
धातरौ
|
धातृन्
| |
तृतीया
|
धात्रा
|
धातृभ्याम्
|
धातृभिः
|
कर्त्रा
|
कर्तृभ्याम्
|
कर्तृभिः
| |
चतुर्थी
|
नेत्रे
|
नेतृभ्याम्
|
नेतृभ्यः
|
विधात्रे
|
विधातृभ्याम्
|
विधातृभ्यः
| |
पञ्चमी
|
कर्तुः
|
कर्तृभ्याम्
|
कर्तृभ्यः
|
हर्तुः
|
हर्तृभ्याम्
|
हर्तृभ्यः
| |
षष्ठी
|
पितुः
|
पित्रोः
|
पितृणाम्
|
भ्रातुः
|
भात्रोः
|
भ्रातृणाम्
| |
सप्तमी
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सवितरि
|
सवित्रोः
|
सवितृषु
|
अभिनेतरि
|
अभिनेत्रोः
|
अभिनेतृषु
| |
सम्बोधनम्
|
हे जामातः !
|
हे जामातरौ !
|
हे जामातरः
|
हे नप्तः !
|
हे नप्तारौ !
|
हे नप्तारः !
|
Question 5: कोष्ठेकेभ्यः समुचितपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत -
(Bracket से समुचित पदों का चयन करके fill in the blanks with sanskrit word)
(क) अहं प्रातः ………… सह भ्रमणाय गच्छामि (पित्रा/पितुः)
(ख) बाला आपणात् ………… फलानि आनयति। (भ्रातुः/भ्रात्रे)
(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणस्य …………. भवन्ति। (कर्तारम्/कर्त्तारः)
(घ) मम ………….. तु एतेषां प्रश्नानाम् उत्तराणि अददात्। (पिता/पितरः)
(ङ) तव ………….. कुत्र जीविकोपार्जनं कुरुतः? (भ्रातरः/भ्रातरौ)
उत्तरम् : (क) पित्रा (ख) भ्रात्रे (ग) कार्त्तारः (घ) पिता (ङ) भ्रातरौ
(Bracket से समुचित पदों का चयन करके fill in the blanks with sanskrit word)
(क) अहं प्रातः ………… सह भ्रमणाय गच्छामि (पित्रा/पितुः)
(ख) बाला आपणात् ………… फलानि आनयति। (भ्रातुः/भ्रात्रे)
(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणस्य …………. भवन्ति। (कर्तारम्/कर्त्तारः)
(घ) मम ………….. तु एतेषां प्रश्नानाम् उत्तराणि अददात्। (पिता/पितरः)
(ङ) तव ………….. कुत्र जीविकोपार्जनं कुरुतः? (भ्रातरः/भ्रातरौ)
उत्तरम् : (क) पित्रा (ख) भ्रात्रे (ग) कार्त्तारः (घ) पिता (ङ) भ्रातरौ
Question 6: Not important.
Question 7: अधोलिखितानि पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत -
(निम्नलिखित पदों के आधार पर वाक्यों की रचना करें)
प्रश्नाः = ……………………………
नवीनः = …………………………
प्रातः = ……………………………
प्रसन्नः = ………………………
प्रश्नाः = ……………………………
नवीनः = …………………………
प्रातः = ……………………………
प्रसन्नः = ………………………
उत्तरम् :
(क) प्रश्ना: − अत्र बहवः प्रश्नाः सन्ति।(ख) नवीन: − स: नवीन: पाठ पठति।
(ग) प्रात: − अहं प्रात: भ्रमणाय गच्छामि।
(घ) आगच्छति − स: गृहात आगच्छति।
(ङ) प्रसन्न: − अद्ध अहं प्रसन्नः अस्ति।
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