Class 7 Ruchira - Vidyaadhanam (विद्याधनम्)
Kalpalatev Vidhhya (कल्पलतेव विद्या)
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Sanskrit Words meaning in Hindi / English
Summary and Meaning of Sanskrit Slokas in Hindi
RUCHIRA - Lesson Vidyaadhanam (विद्याधनम्)
शब्दार्थ, श्लोक का अर्थ, Meaning of Sanskrit Words and Slokas (Stanza)
(१) न चौरहार्यं न . . . . . . .
. . . विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्।।
चौर्हार्यम् = चोर के द्वारा चुराने योग्य। राजहार्यम् = राजा के द्वारा छीनने योग्य। भ्रातृभाज्यम् = भार बढ़ाने वाला।व्यये कृते = खर्च किए जाने पर। वर्धते = बढ़ता है।
विद्या चोरों के द्वारा न चुराने योग्य है, न राजा के द्वारा छीनने योग्य है, न भाइयों के द्वारा बाँटने योग्य है, न यह भार बढ़ाने वाली है। खर्च करने से रोज यह बढ़ती है, विद्या धन सभी धन से महान है।
(२) विद्या नाम नरस्य . . . . .
. . . . विद्याविहीनः पशुः।।
प्रच्छन्नगुप्तम् = गुप्त से गुप्त धन। भोगकरी = भोगों को देने वाली। पूज्यते = पूजी जाती है। विहीनः = रहित।
विद्या नामक मनुष्य का सौंदर्य अधिक बढ़ जाता है, विद्या गुप्त धनों का गुप्त है, विद्या भोग, यश, सुख प्रदान करने वाली है, विद्या सभी गुरुओं का गुरू है। विद्या विदेश में बन्धुजना है, विद्या सभी देवताओं का देवता है, विद्या राजाओं में पूजे जाते है न कि धन, विद्या से रहित मनुष्य पशु के समान है।
(३) केयूराः न विभूषयन्ति . . . .
. . . . वाग्भूषणं भूषणम् ।।
केयूराः = बाजूबन्द। चन्द्रोज्ज्वलाः = चन्द्रमा के समान शोभायमान। विलेपनम् = शरीर पर लेप करने योग्य सुगन्धित द्रव्य। अलङ्कृताः = सजाए हुए। समलङ्करोति = अच्छी प्रकार सुशोभित करती है। मूर्धजाः = बाल। क्षीयन्ते = नष्ट हो जाते हैं। सततम् = सनातन।
पुरूषों को न बाजूबन्द शोभा देता है और न चन्द्र के जैसा उज्ज्वल हार, न सुगन्धित द्रव्यों से स्नान, न फूल और न सँवारे हुए बाल। पुरूषों को एकमात्र संस्कारयुक्त वाणी ही अच्छी तरह सुशोभित करती है। सम्पूर्ण आभूषण नष्ट हो जाते हैं सिर्फ वाणी ही सनातान होता है।
. . . . कल्पलतेव विद्या।।
इव = के समान। कान्ता = पत्नी। अपनीय = दूर करके। तनोती = फैलती है। दीक्षु = दिशाओं में। साधयति = सिद्ध करती है। कल्पलता = देवताओं।
विद्या माता की तरह रक्षा करती है, पिता की तरह कल्याण में लगाती है, पत्नी की तरह कष्टों को दूर कर आनन्द प्रदान करती है। विद्या धन को बढ़ाती है, दिशाओं में यश को फैलाती है, विद्या कल्पलता की तरह क्या-क्या नहीं सफल करती है।
CBSE NCERT Solution of CBSE Class 7 Sanskrit - Ruchira
Chapter Vidyaadhanam textbook exercises answers - विद्याधनम् (प्रश्न - अभ्यास)
Kalpalatev Vidhhya (कल्पलतेव विद्या)
Question 1. उपयुक्तकथनानां समक्षम् 'आम्', अनुपयुक्तकथनानां समक्षं 'न' इति लिखत - (उपयुक्त कथनों के सामने 'आम्' तथा अनुपयुक्त कथनों के सामने 'न' ऐसा लिखें)
(क) विद्या राजसु पूज्यते। ______
(ख) वाग्भूषणं भूषणं न। _______
(ग) विद्याधनं सर्वधनेषु प्रधानम्। ______
(घ) विदेशगमने विद्या बन्धुजनः न भवति। ______
(ङ) सर्वं विहाय विद्याधिकारं कुरु। _______
(च) विद्या सर्वत्र कीर्तिं तनोति। ________
उत्तरम् (Answer):
(क) विद्या राजसु पूज्यते। = आम्
(ख) वाग्भूषणं भूषणं न। = न
(ग) विद्याधनं सर्वधनेषु प्रधानम्। = आम्
(घ) विदेशगमने विद्या बन्धुजनः न भवति। = न
(ङ) सर्वं विहाय विद्याधिकारं कुरु। = आम्
(च) विद्या सर्वत्र कीर्तिं तनोति। = आम्
Question 2. अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग, विभक्तिं वचनञ्च लिखत - (अधोलिखित पदों के लिंग, विभक्ति और वचन लिखें)
पदानि
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लिङ्गम्
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विभक्तिः
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वचनम्
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नरस्य
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पुंल्लिङ्गंम्
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षष्ठी
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एकवचनम्
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गुरूणाम्
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पुंल्लिङ्गंम्
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षष्ठी
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बहुवचनम्
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केयूराः
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पुंल्लिङ्गंम्
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प्रथमा
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बहुवचनम्
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कीर्तिम्
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स्त्रीलिङ्गम्
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द्वितीया
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एकवचनम्
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भूषणानि
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नपुंसकलिङ्गम्
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प्रथमा
|
बहुवचनम्
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Question 3. श्लोकांशान् योजयत - (श्लोकांशों को जोड़ें)
क
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ख
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विद्या राजसु पूज्यते न हि धनम्
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विद्या-विहिनः पशुः।
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केयूराः न विभूषयन्ति पुरुषम्
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हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः।
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न चौरहार्यं न च राजहार्यम्
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न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि।
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सत्कारायतनं कुलस्य महिमा
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रत्नैर्विना भूषणम्।
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वाण्येका समलङ्करोति पुरुषम्
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या संस्कृता धार्यते।
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मातेव रक्षति पितेव हिते नियुङ्क्ते
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कान्तेव चाभिरमयत्यपनीयखेदम्
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Question 4. एकपदेन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत - (एक पद में उत्तर लिखें)
(क) कः पशुः?
(ख) का भोगकरी?
(ग) के पुरुषं न विभूषयन्ति?
(घ) का एका पुरुषं समलङ्करोति?
(ङ) कानि क्षीयन्ते?
उत्तरम् (Answer):
(क) विद्याविहीनः।
(ख) विद्या।
(ग) केयूराः।
(घ) वाणी।
(ङ) भूषणानि।
Question 5. रेखाङ्कितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत - (रेखांकित पदों के आधार पर प्रशन्न निर्माण करें)(क) विद्याविहीनः नरः पशुः अस्ति।
(ख) विद्या राजसु पूज्यते।
(ग) चन्द्रोज्ज्वलाः हाराः पुरुषं न अलङ्कुर्वन्ति।
(घ) पिता हिते नियुङ्क्ते?
(ङ) विद्याधनं सर्वप्रधान धनमस्ति।
(च) विद्या दिक्षु कीर्तिं तनोति।
उत्तरम् (Answer):
(क) विद्याविहीन: क: पशु: अस्ति?
(ख) का राजसु पूज्यते?
(ग) चन्द्रोज्ज्वला: के पुरुषं न अलङ्कुर्वन्ति?
(घ) क: हिते नियुङ्क्ते?
(ङ) विद्याधनं कीदृशं धनमस्ति?
(च) विद्या कुत्र कीर्तिं तनोति?
Question 6. पूर्णवाक्येन प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत - (पूर्ण वाक्य में प्रश्नों के उत्तर लिखें)
(क) गुरूणां गुरुः का अस्ति?
(ख) कीदृशी वाणी पुरुषं समलङ्करोति?
(ग) व्यये कृते किं वर्धते?
(घ) भाग्यक्षये आश्रयः कः?
(ङ) विद्या कुत्र कीर्तिं वितनोति ? (च) माता पिता इव विद्या किं किं करोती ?
उत्तरम् (Answer):
(क) गुरूणां गुरुः विद्या अस्ति।
(ख) संस्कृता धार्यते वाणी पुरुषं समलङ्करोति।
(ग) व्यये कृते विद्याधनं वर्धते।
(घ) भाग्यक्षये आश्रयः विद्या अस्ति।
(ङ) विद्या दिक्षु कीर्तिं वितनोती।
(च) माता पिता इव विद्या रक्षति हिते च नियुङ्क्ते।
Question 7. मञ्जूषातः पुँल्लिङ्ग-स्त्रीलिङ्ग-नपुंसकलिङ्गपदानि चित्वा लिखत - (मंजूषा से पुंल्लिङ्ग, स्त्रीलिङ्ग और नपुंसकलिङ्ग पदों को लेकर लिखो)
विद्या धनम् संस्कृता सततम् मूर्धजाः पशुः गुरूः रतिः कान्ता
पुंल्लिङ्गंम्
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स्त्रीलिङ्गम्
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नपुंसकलिङ्गम्
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पशुः
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विद्या
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धनम्
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गुरुः
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संस्कृता
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कुसुमम्
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मूर्धजाः
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रतिः
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सततम्
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कान्ता
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-
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अतिरिक्तः अभ्यासः (CBSE Sample Additional Questions in Sanskrit & Hindi)
Class 7 Ruchira - CBSE NCERT Solution for Sanskrit
Vidyaadhanam (विद्याधनम्) | Kalpalatev Vidhhya (कल्पलतेव विद्या)
Question: एकपदेन उत्तरत - (एक पद में उत्तर दें)
(क) किं चौरहार्यं अस्ति ?
(ख) विद्या नरस्य किम् अस्ति ?
(ग) गुरूणां गुरूः कः अस्ति ?
(घ) कीदृशी वाणी पुरूषं समलङ्करोति ?
(ङ) माता इव का रक्षति ?
उत्तरम् (Answer):
(क) विद्याधनम् ।
(ख) रूपम् ।
(ग) विद्या ।
(घ) संस्कृता ।
(ङ) विद्या ।
Question: अधोलिखितेषु सन्धिविरधेया - (निम्नलिखित सन्धि करें)
यथा - रमा ईशः - रमेशः।
(क) पिता इव।
(ख) माता इव।
(ग) कान्ता इव।
(घ) राका ईशः।
(ङ) लता इव।
उत्तरम् (Answer):
(क) पितेव।
(ख) मातेव।
(ग) कान्तेव।
(घ) राकेशः।
(ङ) लतेव।
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